ईडी का पर्दाफाश: ड्रग माफिया से मिले हुए थे ड्रग इंस्पेक्टर
चंडीगढ़ (पंजाब)। पंजाब में नशा छुड़ाओं केंद्रों से मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों ब्यूप्रीनोर्फिन और नलेक्सॉन दवाइयों को गैरकानूनी तरीके से बाहर बेचने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा खुलासा किया है।
ईडी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के चार से पांच ड्रग इंस्पेक्टर लाखों रुपये लेकर इस गैरकानूनी धंधे को ऑपरेट कर रहे हैं। इन दोनों दवाइयों को बनाने वाली रसन फार्मा कंपनी के नशा छुड़ाओं केंद्र और ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ लिंक भी सामने आया है। ये सभी ड्रग इंस्पेक्टर ईडी के रडार पर हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर रडार पर
रसन फार्मा लिमिटेड ड्रग्स केस में ईडी जालंधर ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की बेनामी संपत्तियों को खंगालना भी शुरू कर दिया है। जांच के अनुसार रूपप्रीत कौर ने नशा छुड़ाओं केंद्रों को मिलने वाली दवाइयों की जांच गलत तरीके से कर डॉक्टर अमित बंसल का साथ दिया और लुधियाना, पटियाला, मोहाली व चंडीगढ़ में करोड़ो रुपये की अवैध संपत्ति बनाई। ईडी को इसके सबूत मिले हैं। आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर के बैंक खातों की जांच में करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है।
जनवरी 2025 में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ड्रग इंस्पेक्टर रूप प्रीत कौर को गिरफ्तार किया था। आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर की कस्टडी से नशीली दवाईयों की खेप और ड्रग मनी बरामद हुई थी। यहां तक कि ड्रग इंस्पेक्टर जिस सेंटर की इंचार्ज थी, वहां 4 हजार दवाईयों की शॉर्टेज तक सामने आई थी।
नोटिस जारी कर मांगा जवाब, रद्द होगा लाइसेंस
ईडी जालंधर के जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी ने सोमवार को रसन फार्मा लिमिटेड केस में पंजाब के 22 प्राइवेट डी-एडिक्शन सेंटरों से नशीली दवाइयों के मामले में सभी को शोकॉज नोटिस जारी किया है। एक हफ्ते के अंदर इन सेंटरों के संचालकों से लिखित जवाब मांगा है। ईडी ने इन सेंटरों को जो बीएनएक्स दवाईयों की खेप जब्त की थी, उसके आधार पर कंपनी को भी जवाब देने को कहा है। अधिकारी ने बताया कि इन प्राइवेट डी एडिक्शन सेंटरों के खिलाफ ईडी ने लाइसेंस रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।