जयपुर । प्रमुख शासन सचिव माइंस, जियोलोजी एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि जीएसआई व एमईसीएल द्वारा राज्य सरकार को प्रस्तुत जियोलोजिकल रिपोर्ट्स और जियोलोजिकल मेमोरेण्डम के 63 मिनरल ब्लॉकों की ऑक्शन प्रक्रिया शुरु करते हुए 18 ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है। 13 ब्लॉकों की एनआईटी जारी कर नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। शेष 32 ब्लाकों की भी नीलामी प्रक्रिया इसी वित्तीय वर्ष में शुरु किये जाने की तैयारी जारी है। 
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 8 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए जानकारी दी कि सर्वे ऑफ इण्डिया व एमईसीएल द्वारा राज्य सरकार को अब तक 131 जियोलोजिकल रिपोर्ट्स और जियोलोजिकल मेमोरेण्डम प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के अनुसार राज्य के 25 क्रिटिकल व स्ट्रेटेजिक मिनरल ब्लाकों की नीलामी केन्द्र सरकार के माइंस विभाग द्वारा की जाएगी। उन्होंने बेसमेटल व कॉपर के लो टनेज और लो ग्रेड मिनरल ब्लॉकों में आरएसएमईटी द्वारा फर्दर एक्सप्लोरेशन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।टी. रविकान्त ने बांसवाड़ा और सीकर के लाडी का बास में जीएसआई को एक्सप्लोरेशन में वन विभाग की आवश्यक स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग स्तर पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि अरावली क्षेत्र के ब्लॉकों व लो टनेज और लो ग्रेड वाले ब्लॉकों की नीलामी के कार्य में तेजी लाने को कहा।प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने प्रदेश में राज्य सरकार के माइंस व जियोलोजी विभाग, आरएसएमईटी और केन्द्र सरकार के जीएसआई, एमईसीएल, आईएमडी आदि संस्थाओं के परस्पर समन्वय व सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि परस्पर समन्वय से बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं और मेजर मिनरल्स की खोज, ब्लॉक तैयार करने और नीलामी में देश में अग्रणी प्रदेश बनना संभव हो पाया है।