महिलाएं इन 5 विटामिन्स को गलती से भी न करें नजरअंदाज....
महिलाएं अक्सर दूसरे कामों को प्राथमिकता देने के लिए अपनी सेहत को नजरअंदाज कर जाती हैं। इसका असर उन्हें भले ही तुरंत न दिखता हो, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि लंबे समय में यह कमजोरी और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। शरीर को अपना सर्वोत्तम प्रदान करने के लिए कुछ विशेष विटामिन्स की जरूरत होती है। इनसे हमारे शरीर को ऊर्जा, विकास और दैनिक दिनचर्या को अच्छे से निभाने में मदद मिलती है। चलिए जानते हैं महिलाओं के लिए ऐसे ही कुछ मुख्य विटामिन्स के बारे में।
महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण विटामिन्स
1. विटामिन डी
विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। इससे हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है। विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने, स्वस्थ्य मस्तिष्क को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम बढ़ने का खतरा हो सकता है। शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं धूप में समय बिता सकती हैं, विटामिन डी से भरपूर फूड्स जैसे फैटी मछली, अंडे की जर्दी या फिर विटामिन डी सप्लिमेंट्स ले सकती हैं।
2. विटामिन बी 12
रेड ब्लड सेल्स के निर्माण, डीएनए संश्लेषण और नर्व के बेहतर फंक्शन के लिए विटामिन बी 12 महत्वपूर्ण है। जो महिलाएं शाकाहारी आहार का पालन करती हैं उनमें विटामिन बी 12 की कमी का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि यह मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाता है। विटामिन बी 12 के निम्न स्तर से थकान, कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है। अनाज, प्लांट बेस्ड मिल्क का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन बी 12 के सप्लिमेंट्स भी ले सकती हैं।
3. फोलेट
फोलेट को विटामिन बी 9 के रूप में भी जाना जाता है। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास और डीएनए संश्लेषण और लाल रक्त कोशिका के निर्माण के लिए यह काफी महत्वपूर्ण होते हैं। जो महिलाएं गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, उन्हें प्रेग्नेंसी कॉम्पलीकेशन्स के जोखिम को कम करने के लिए प्रति दिन 400-800 माइक्रोग्राम फोलेट का सेवन करने की सलाह दी जाती है। फोलेट के निम्न स्तर को डिप्रेशन और कुछ प्रकार के कैंसर के बढ़ते जोखिम से भी जोड़कर देखा जाता है। पत्तेदार साग, बीन्स, दाल, और कुछ अनाज जैसे फूड्स का सेवन कर या फोलेट सप्लीमेंट लेकर अपने अंदर फोलेट की कमी को पूरा कर सकती हैं।
4. आयरन
आयरन हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए आवश्यक है। ये रेड ब्लड सेल्स के लिए एक प्रोटीन की तरह हैं, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन को बहाल करता है। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान खून की कमी के कारण महिलाओं में आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है। आयरन की कमी के लक्षणों में थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ना शामिल है। रेड मीट, पोल्ट्री, मछली, बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।
5. कैल्शियम.
हड्डियों के स्वास्थ्य, मांसपेशियों के फंक्शन के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण है। महिलाओं में कैल्शियम की कमी का खतरा अधिक होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद हड्डियों का नुकसान तेजी से होता है। कैल्शियम के निम्न स्तर को ऑस्टियोपोरोसिस से जोड़ा गया है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। डेयरी प्रोडक्ट्स, पत्तेदार साग, बादाम, और फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन करके या कैल्शियम सप्लीमेंट की मदद से कैल्शियम के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।