चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया केस की सुनवाई के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह एसआईटी की जांच में न सिर्फ पूरा सहयोग करें, बल्कि जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश से दूर रहें।

कोर्ट ने दो टूक कहा है कि मजीठिया एसआईटी के किसी सदस्य पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकते। मीडिया में बयानबाज़ी पर सीधा प्रतिबंध लगाया गया है।

जमानत रद करने के सिवा और कोई विकल्प नहीं रहेगा
गौरतलब है कि हर पेशी के बाद बिक्रम मजीठिया एसआईटी पर ही आरोप लगाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि मजीठिया ने एसआईटी के साथ सहयोग नहीं किया, या निर्देशों का उल्लंघन किया, तो कोर्ट के पास उनकी ज़मानत रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

2021 में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज
मजीठिया पर पंजाब में ड्रग माफिया के साथ साठगांठ के गंभीर आरोप लग चुके हैं। 2021 में उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। ईडी और पंजाब पुलिस की जांचों में मजीठिया के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने का दावा किया गया है।