ब्लैडर कैंसर से बचाएँ जान, समय रहते पहचान लें ये लक्षण....
दुनिया भर में यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। ये समस्या उन कोशिकाओं में शुरू होती है, जो मूत्राशय के अंदर होती हैं। ब्लैडर कैंसर एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। कई लोग ऐसे हैं, जो इसके लक्षण की जानकारी न होने के चलते देर से इलाज शुरू करते हैं। तो चलिए पहचानते हैं ब्लैडर कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षण को, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
ब्लैडर कैंसर क्या होता है?
ब्लैडर कैंसर एक प्रकार का यूरोलॉजिकल मैलिग्नेंसी है, जो मूत्राशय के अंदर मौजूद कोशिकाओं में शुरू होता है। मूत्राशय का कैंसर तब शुरू होता है, जब मूत्राशय बनाने वाली कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं। पेट के निचले हिस्से में एक त्रिकोण के आकार का मांसपेशियों सा अंग होता है, जिसे मूत्राशय कहते हैं और यहीं पर मूत्र जमा होता है। मूत्राशय की दीवारें मूत्र को इकट्ठा करते समय शिथिल और विस्तारित होती हैं और मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र को खाली करने के लिए सिकुड़ती और चपटी होती हैं। ब्लैडर कैंसर के लक्षणों का अगर जल्दी पता चल जाए तो शुरुआती निदान और उपचार हो सकता है। यहां दिए गए हैं इसके शुरुआती लक्षण।
ब्लैडर कैंसर के शुरुआती लक्षण और संकेत
• पेशाब में खून आना या खून का थक्का बनना।
• अगर पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होती है, तो उसे चेतावनी की घंटी मानते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
• खासतौर से रात में बार-बार पेशाब आना।
• मूत्र संबंधी हिचकिचाहट यानि पेशाब करने की इच्छा महसूस होना, लेकिन पेशाब न कर पाना और मूत्राशय का अधूरा खाली होना, जिससे पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है