राजस्थान में "ऑक्सीजन जोन" बनाने का प्रस्ताव एक महत्वाकांक्षी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत, खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्रों और शहरों में जहां प्रदूषण की समस्या अधिक है, वहां हरियाली और वृक्षारोपण बढ़ाने का लक्ष्य रखा जा रहा है। इस "ऑक्सीजन जोन" का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना, हवा की गुणवत्ता को सुधारना और स्थानीय तापमान को नियंत्रित करना है।

अकीरा मीयावा तकनीक के माध्यम से इस परियोजना को लागू किया जाएगा। अकीरा मीयावा एक जापानी वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विशेष रूप से पौधों की वृद्धि को बढ़ाने के लिए अनोखी तकनीकों का विकास किया है। इस तकनीक के तहत पौधों के विकास को तेज किया जाता है, जिससे उनकी लंबाई और आकार में तेजी से वृद्धि होती है। इस तकनीक के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि पौधों की लंबाई अगले 3 सालों में 40 फीट तक बढ़ सकती है।

इसके साथ ही, इस तकनीक का फायदा यह है कि यह तापमान को भी नियंत्रित कर सकता है। राजस्थान जैसी गर्म जगह में, जहां अधिकतम तापमान बहुत बढ़ जाता है, "ऑक्सीजन जोन" का उद्देश्य उस क्षेत्र के तापमान को 10 डिग्री तक कम करना है। पौधों की अधिक लंबाई और घनी हरियाली से वातावरण में नमी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय तापमान में कमी आ सकती है और अधिक शुद्ध हवा प्राप्त हो सकती है।

यह योजना राजस्थान के पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकती है, क्योंकि इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि स्थानीय जीवन गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है। यह पौधों की मदद से प्राकृतिक वातावरण को पुनः संतुलित करने का एक अच्छा प्रयास प्रतीत हो रहा है।