पटना: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग के पास पहुंचे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। अभ्यर्थी 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में बीपीएससी कार्यालय के पास पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां जाने से रोक दिया। जब अभ्यर्थियों ने पुलिस का विरोध किया तो पुलिस ने उन अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस ने अभ्यर्थियों को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। इस घटना से वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। अभ्यर्थियों की मांग थी कि नॉर्मलाइजेशन  लागू नहीं होना चाहिए। वहीं उन्होंने वन शिफ्ट- वन पेपर की मांग की है।

क्या है मामला
बीपीएससी की 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का आवेदन चयन आयोग ने ले लिया है. इस बीच कहा जा रहा है कि बीपीएससी इस बार प्रश्न पत्र अलग-अलग तरीके से तैयार करेगी, साथ ही नॉर्मलाइजेशन को भी लागू करेगी. इसके विरोध में शुक्रवार को छात्र नेता बीपीएससी कार्यालय का घेराव करेंगे. छात्रों को आशंका है कि नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आड़ में गड़बड़ी हो सकती है.

घोटाले की आशंक
छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं कि नॉर्मलाइजेशन किसी भी राज्य के सिविल सेवा परीक्षा में लागू नहीं है, फिर बिहार सरकार इसे क्यों लागू करना चाहती है. निश्चित तौर पर यह गलत है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में जो पैटर्न पहले से चलते आ रहा था उसी पैटर्न के तहत एग्जाम लेना चाहिए. साथ ही प्रश्न पत्र भी एक ही होना चाहिए. प्रारंभिक परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पत्र होते हैं और उसके अलग-अलग भागों में बांटने से घोटाला होने का अंदेशा है.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
जब अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है तो दो पाली या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है. एक पाली के अभ्यर्थियों के कम अंक आए तो माना जाता है कि उस पाली में कठिन प्रश्न होंगे. वहीं दूसरी पाली में अगर नंबर ज्यादा आए तो माना जाएगा कि प्रश्न पत्र आसान होंगे. परीक्षा के हर पेपर के लेवल में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है, इसी अंतर को खत्म करने के लिए यह सिस्टम लागू किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन के अनुसार दोनों पालियों के छात्रों के नंबर में सामंजस्य बनाया जाएगा.