गुजरात में शराब पर प्रतिबंध का नाममात्र असर, होटलों में बिक्री बढ़ी

गुजरात में शराब पर प्रतिबंध केवल नाम मात्र का है, लेकिन राज्य में शराब बेचने की अनुमति वाले होटलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. राज्य सरकार ने विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि वर्तमान में अहमदाबाद शहर में 20 और गांधीनगर शहर में 4 होटलों को शराब बेचने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा, अहमदाबाद में 2 और गांधीनगर में 2 होटलों को ग्रामीण क्षेत्रों में परमिट मिली है. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पिछले दो वर्षों में किसी भी होटल का परमिट निलंबित नहीं किया गया है.
राज्य सरकार ने आगे कहा कि फरवरी 2023 से जनवरी 2024 तक शराब की बिक्री से 14.45 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. जबकि हाल ही में फरवरी 2024 से जनवरी 2025 तक आय बढ़कर 19.53 करोड़ रुपये हो गई है. इस प्रकार, शराब की बिक्री से कर राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वहीं ये भी जानकारी दी गई कि जिन होटलों के अनुमति दी जा चुकी है. पिछले दो वर्षों में उनके परमिट निलंबित नहीं किए गए हैं.
राजस्व में हुई भारी वृद्धि
राज्य में शराब स्वास्थ्य परमिटों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है. 2024 में यह संख्या 3.5% बढ़ जाएगी, और कुल 45,000 परमिट धारक पंजीकृत होंगे. शराब का परमिट पाने के लिए 100 रुपये देने होंगे. इसमें स्वास्थ्य जांच और आवेदन प्रक्रिया की लागत 4,000 रुपये है, जबकि प्रति वर्ष 10,000 रुपये का शुल्क लिया जाता है. 2,000 रुपये का नवीकरण शुल्क देना होगा.
सरकार ने दिए आंकड़े
हालांकि, शराब परमिट और बिक्री में वृद्धि के साथ-साथ राज्य में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले भी बढ़ रहे हैं. हाल ही में जारी विधानसभा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में नशे में गाड़ी चलाने के कुल 27,495 मामले सामने आए. यह पिछले वर्ष 2021-22 के 13,153 मामलों की तुलना में दोगुनी वृद्धि दर्शाता है. राज्य में शराबबंदी के बावजूद ऐसे आंकड़े चिंताजनक माने जा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने अपनी शराब परमिट नीतियों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया है.