सांस लेने में हो रही परेशानी, कमजोरी, थकान तो हो सकते हैं निमोनिया के लक्षण,
12 नवंबर का दिन पूरी दुनिया में वर्ल्ड निमोनिया डे (World Pneumonia Day) के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद लोगों को निमोनिया बीमारी की गंभीरता के प्रति जागरूक करना है। निमोनिया बीमारी में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। निमोनिया होने पर सांस लेने के रास्ते में तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है जिस वजह से सांस लेने में तकलीफ के अलावा और भी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं। आइए जानते हैं निमोनिया डे पर सबसे पहले इस बीमारी के बारे में साथ ही इसके होने पर शरीर में किस तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं।
क्या है निमोनिया?
निमोनिया फेफड़ों को संक्रमित करने वाली एक गंभीर बीमारी है। जिसमें फेफड़ों में पानी भर जाता है और उसमें सूजन आ जाती है। यह बीमारी आपके एक दो दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है। निमोनिया बैक्टीरिया और वायरस की वजह से होती है। निमोनिया होने पर फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में मवाद या हवा भर जाता है। समय पर इस समस्या का उपचार न होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के लक्षण ऐसे होते हैं जिसे कई बार हम मामूली समझकर इग्नोर करते रहते हैं और यही सबसे बड़ी गलती करते हैं, तो आइए जानते हैं किन समस्याओं का लंबे समय तक बने रहना हो सकता है निमोनिया का लक्षण।
1. सांस लेने में दिक्कत होना: सांस लेने में दिक्कत होना निमोनिया का गंभीर लक्षणों में से एक है।
2. खांसी होना: सूखी खांसी और खांसी में बलगम आना निमोनिया का लक्षण हो सकता है। कई बार बलगम का रंग पीला, हरा हो सकता है और यहां तक कि बलगम में खून भी आ सकता है।
3. थकान और कमजोरी का एहसास: अगर आपको लगातार थकान और कमज़ोरी महसूस हो रही है, तो ये निमोनिया का लक्षण हो सकता है।
4. बुखार, पसीना आना और ठंड लगना: पसीने के साथ बुखार आना और ठंड लगना भी निमोनिया के लक्षणों में शामिल हैं।
5. छाती में दर्द का अनुभव होना: खांसी या गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द हो, तो ये निमोनिया का लक्षण हो सकता है।
6. मतली, उल्टी या दस्त की समस्या: लगातार दस्त, उल्टी या मतली का बने रहना भी निमोनिया के लक्षणों में शामिल है।