न्यू इंडिया बैंक पर बैन, आरबीआई के फैसले से मुंबई में मची हलचल
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को आरबीआई ने बैन कर दिया है. इसी के बाद जहां लोगों में अचानक बैंक के बैन होने से सनसनी मच गई, लोग परेशान हो गए. वहीं, अब इस बैंक पर बैन लगाने की वजह सामने आ गई है. दरअसल, बैंक के रक्षक ही भक्षक बन गए हैं. इसी के चलते ही मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा न्यू इंडिया बैंक घोटाले की जांच कर रही है. आरबीआई ने बैंक पर बैन लगाने का फैसला इसीलिए लिया है क्योंकि 122 करोड़ रुपये के घोटाले और गबन सामने आया है. इसी के चलते आरबीआई ने 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. इस बैंक में करोड़ों के घोटाले के चलते न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक के सीओओ ने दादर पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाई थी.
क्यों किया गया बैन?
मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर के खिलाफ बैंक के ट्रेसरी से 122 करोड़ रुपये की कथित चोरी और गबन के मामले में मामला दर्ज किया गया है. यह मामला बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी सीओओ के दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. आगे की जांच आर्थिक अपराध शाखा ने करना शुरू कर दी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को इस बैंक पर कई प्रतिबंध लगाने के बाद ये एफआईआर दर्ज करवाई है. इन प्रतिबंधों में बैंक में लोगों का जो पैसा जमा है उसे अब निकाला भी नहीं जा सकता है. शिकायत के अनुसार, पूर्व जनरल मैनेजर हितेश प्रवीनचंद मेहता पर दादर और गोरेगांव शाखाओं से बैंक के कोष से 122 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है. वह अपने कार्यकाल के दौरान इन शाखाओं के प्रभारी थे. आरोपों के अनुसार, यह धोखाधड़ी 2020 से 2025 के बीच हुई. दादर पुलिस ने इस मामले में बीएनएस अधिनियम की धारा 316(5) और 61(2) के तहत FIR दर्ज की है.
RBI ने क्या कहा?
आरबीआई ने इस मामले पर कहा कि बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए बैन लगाने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ जरूरी चीजों पर खर्च करने की इजाजत बैंक को दी गई है. आरबीआई ने साफ किया है कि 13 फरवरी, 2025 को बैंक के कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना उसकी इजाजत के ना तो कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसका रिन्यूएल करेगा. साथ ही ना किसी बैंक को निवेश की इजाजत होगी और ना डिपॉजिट स्वीकार करने सहित कोई भी देनदारी लेगा. आरबीआई ने साथ ही कहा कि बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से सुपरवाइजरी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. मुंबई, ठाणे, पालघर में इस बैंक की कुल 26 ब्रांच हैं. सूरत में 2 ब्रांच हैं. बैंक में खाता धारकों की संख्या लाखों में है.