झारखंड हाई कोर्ट से नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, सांसद दीपक प्रकाश, सांसद ढुल्लू महतो समेत पार्टी के शीर्ष 51 बीजेपी नेताओं को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने नेताओं पर दर्ज केस को निरस्त करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने सोमवार को मोरहाबादी में बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान पुलिस के साथ झड़प मामले में दर्ज प्राथमिकी निरस्त कर दी है. दरअसल 23 अगस्त 2024 को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित युवा आक्रोश रैली में हुए उपद्रव के बाद लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपितों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगाई गई थी.

51 बीजेपी नेताओं पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सहित संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्य सभा सांसद आदित्य साहू, राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा सांसद ढुलू महतो, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, बीजेपी विधायक कुशवाहा शशि भूषण, अपर्णा सेन गुप्ता, विधायक डॉ नीरा, विधायक राज सिन्हा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ,गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, भानु प्रताप शाही, विधायक नवीन जायसवाल सहित 51 बीजेपी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कोर्ट से बीजेपी नेताओं को बड़ी राहत

बीजेपी झारखंड के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया की लालपुर थाना मे संजय कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी के आवेदन पर बीजेपी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें हत्या के प्रयास की धारा भी लगाई गई थी. इस मामले में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और जमकर लाठियां चलाई थी. जिसमें कई बीजेपी नेता जख्मी हो गए थे. इस एफआईआर खिलाफ बीजेपी नेताओं की तरफ से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी निरस्त करने की मांग की गई थी. जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इन्हें बड़ी राहत देते हुए दर्ज केस को निरस्त करने का आदेश दिया है. नेताओं की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, सुधीर श्रीवास्तव ,पार्थ जलान, शिवानी जुलका ने पैरवी की थी.

युवा आक्रोश रैली में हुआ था बवाल

23 अगस्त 2024 को हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ , युवाओं को रोजगार के नाम पर छलने और उनके साथ धोखाधड़ी करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के द्वारा रांची के मोराबादी मैदान में युवा आक्रोश रैली निकाली गई थी, युवा आक्रोश रैली में जमकर बवाल हुआ. पत्थरबाजी और हंगामे के बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का प्रयोग किया. इस घटनाक्रम में करीब आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी और कई बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता घायल हुए थे.

इसके बाद रांची के लालपुर थाना में बीजेपी के युवा आक्रोश रैली के दौरान उग्र प्रदर्शन और हिंसा करने को लेकर बीजेपी के 3 पूर्व मुख्यमंत्री सहित 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था,. इसमें बीजेपी के कई विधायक और राज्यसभा सांसद शामिल थे. इनमें… संजय सेठ (केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री) अर्जुन मुंडा (पूर्व केंद्रीय मंत्री) बाबूलाल मरांडी (पूर्व मुख्यमंत्री) बीडी राम (सांसद) भानु प्रताप शाही (विधायक) अमर बाउरी (नेता प्रतिपक्ष) आदित्य साहू (सांसद) दीपक प्रकाश (राज्यसभा सांसद) अभयकांत प्रसाद (सांसद) प्रदीप वर्मा (सांसद) विद्युत वरण महतो (सांसद) मनीष जायसवाल (सांसद) नीलकंठ सिंह मुंडा (विधायक) रणधीर सिंह (विधायक) नीरा यादव (विधायक) रामचंद्र चंद्रवंशी (विधायक) अपर्णा सेन गुप्ता (विधायक) कुशवाहा शशिभूषण मेहता (विधायक) पुष्पा देवी (विधायक) समरी लाल (विधायक) केदार हाजरा (विधायक) राज सिन्हा (विधायक) सीपी सिंह (विधायक) यदुनाथ पांडेय (पूर्व सांसद) ढुल्लू महतो (सांसद) मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री) गीता कोड़ा (पूर्व विधायक) संजीव विजयवर्गीय (पूर्व डिप्टी मेयर, रांची) कर्मवीर सिंह (संगठन मंत्री, बीजेपी) नवीन जायसवाल (विधायक) नारायण दास (विधायक) अमित मंडल (विधायक)

सहित कुल 51 नामदेव के साथ-साथ 12000 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.