पैंथर ने एक शिकार किया है और पिछले 5 दिनों से वह पकड़ में नहीं आया है. वन विभाग के अनुसार, पैंथर का मूवमेंट पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह की जमीन के आसपास देखा गया है. पिंजरे के पास लगातार पगमार्क मिल रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि पैंथर उस क्षेत्र में ही है. वन विभाग ने पैंथर को पकड़ने के लिए दिन भर ड्रोन से मॉनिटरिंग करने का फैसला किया है.

अलवर शहर के राज ऋषि महाविद्यालय में विगत 5 दिनों से पैंथर का मूवमेंट देखा जा रहा है. दो पिंजरे और साथ ट्रैप कैमरे लगाने के बाद केवल उसकी फोटो आई सामने. वही उसके पगमार्क दिखे पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के फूल बाग पैलेस के नजदीक. जयपुर राजेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा अब दिन में ड्रोन से करेंगे निगरानी.

मेमने और मुर्गे का जाल भी हुआ फेल. लेपर्ड जाल के पास आया मेमने को सूंघा और वापस चला गया. सरिस्का डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि आज पांचवें दिन तक लेपर्ड हमारी टीम की पकड़ में नहीं आ पाया है. हमने जो हनुमान मंदिर के पास दो पिंजरे लगाए हुए थे .जिसमें एक में मेमना और एक में मुर्गा था. वही उसके आसपास करीब पांच मुख्य पॉइंट्स पर 7 से 8 कैमरे लगा रखे हैं. 

कैमरे में लेपर्ड के मूवमेंट का पता लगा है. वही लेपर्ड रात को पिंजरे के पास आया था और मेमने को सूंघा. उसके पास खड़ा रहा .पास में जो खुला क्षेत्र है वहा आराम भी किया और उसके बाद वापस चला गया .हुड्डा ने बताया की राज ऋषि महाविद्यालय कैंपस का करीब 50 हेक्टेयर बड़ा घना और सघन जंगल है. जो एक लेपर्ड या टाइगर के लिए पर्याप्त है. यहां विभिन्न वन्य जीव रहते हैं.

शायद उसने किसी बड़े जीव का शिकार कर लिया है. अभी 4 से 5 दिन तक उसको खत्म करने में लगेंगे. उसके बाद वह लेपर्ड अगर पिंजरे के पास आता है. तो वह मेमने का शिकार करेगा और पिंजरे में कैद हो जाएगा. वही कल देखने को मिला था कि फूल बाग के पास में लगते हुए खेतों में लेपर्ड के पगमार्क मिले थे. जिसको नजर रखते हुए आज सरिस्का टीम ड्रोन कैमरे व पैदल पूरे जंगल में जाकर लेपर्ड के मूवमेंट का पता करेगी. अगर लेपर्ड पिंजरे में कैद नहीं होता है. तो सरिस्का टीम उसको ट्रेंकुलाइज करने का काम भी करेगी.