पीएम 18 को करेंगे 'मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना का शुभारंभ
माता और शिशु को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने की योजना
/किशन श्रीवास्तव /समय जगत/ वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 जून को वडोदरा में 'गुजरात गौरव अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत 21,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली विभिन्न विभागों की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना (एमएमवाय) का राज्यव्यापी शुभारंभ करेंगे। गुजरात सरकार ने महिला की गर्भावस्था से लेकर मातृत्व के पहले 1000 दिनों तक माता और शिशु दोनों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने तथा उनकी पोषण स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना की घोषणा की है। इसके साथ ही राज्य की सभी आदिवासी बहुल तहसीलों में 'पोषण सुधा योजना को लॉन्च कर आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा। इससे पहले पीएम मोदी सुबह 9.15 बजे पावागढ़ पहुंचकर महाकाली माताजी के दर्शन करेंगे। इसके बाद यहीं पर 11.30 बजे विरासत वन की मुलाकात लेंगे और बाद में वडोदरा के लिए रवाना होंगे। महिला के जीवन में गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली अवस्था अत्यंत अहम होती है। माता के गर्भ में मौजूद शिशु (भ्रूण) के लिए तथा जन्म के बाद उसे स्तनपान कराने के लिए माता को अधिक मात्रा में पोषण की जरूरत पड़ती है। इस जरूरत की पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने प्रायोगिक स्तर पर दाहोद, वलसाड, महीसागर, छोटाउदेपुर और नर्मदा सहित गुजरात के 5 आदिवासी बहुल जिलों की 10 तहसीलों में 'पोषण सुधा योजना लागू की गई थी। अब इसका विस्तार कर राज्य के सभी 14 आदिवासी बहुल जिलों की कुल 106 तहसीलों में इस योजना को कार्यान्वित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी में पंजीकृत गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को एक समय का संपूर्ण पोषक भोजन प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही आयरन व कैल्शियम की गोलियां तथा स्वास्थ्य और पोषण के बारे में शिक्षा दी जाती है। योजना की निगरानी और निरीक्षण के लिए विशेष मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाया गया है। चालू वर्ष में इस योजना के लिए 118 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रतिमाह लगभग 1.36 लाख लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा। राज्य की माताओं व बच्चों के पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए गुजरात सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग निरंतर प्रयासरत है।
गर्भवती महिलाओं का ध्यान
माता का खराब पोषण स्तर गर्भ में मौजूद बच्चे (भ्रूण)के विकास को बाधित करता है, जो आगे चलकर बच्चे के खराब स्वास्थ्य की वजह बनता है। गर्भवती माताओं में कुपोषण और एनीमिया बच्चे की वृद्धि और विकास पर गंभीर प्रभाव डालता है। महिला के गर्भकाल के 270 दिन और बच्चे के जन्म से 2 वर्ष तक के 730 दिन यानी कुल 1000 दिनों की अवधि को 'फर्स्ट विंडो ऑफ अपॉर्चुनिटीÓ कहा जाता है। इस समय के दौरान माता और बच्चे के पोषण स्तर को सुदृढ़ बनाना आवश्यक है। इस विषय के महत्व को समझते हुए भारत सरकार के 'पोषण अभियान के अंतर्गत माता और बच्चे के इन 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि माता और बच्चे को स्वस्थ आहार मिल सके।